Shri Pradeep Vats
Co-Conevnor, Sports Wing, Delhi State, Bhartiya Janta Party
& Former, Vice President of Delhi Olympic Association
Senior Vice President's Brief Introduction
Senior Vice President of the Flying Kick Sports Association India
Achievements & Awards
- President, Flying Kick Sports Association Delhi
- Chairman, Para-Disabilities Committee of FKSAI
- Vice Chairman, Flying Kick Sports "Beach" Committee of FKSAI
- Owner Adiesh, Projects at Bangalore
- Co-Convener, Khel-Prakosth Bharatiya Janata Party Delhi
- Managing Director, PVJ Projects Pvt. Ltd.
- Former Vice President, Delhi Olympic Association
- Former Organizing Chairman, Delhi Olympic Games 2018
- Former Organizing Coordinator, Delhi Olympic Games 2024
Senior Vice President's Message
क्यों है जरूरी आदिवासी फ्लाइंग किक मार्शल आर्ट खेल
महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण में वरदान साबित होगा, स्वदेशी फ्लाइंग किक खेल श्री प्रदीप वत्स जी
भारतीय स्वदेशी फ्लाइंग किक मार्शल आर्ट खेल युवाओं का सबसे लोकप्रिय खेल है
- इन खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए ओलंपिक एवं खेल मंत्रालय की है अहम भूमिका
- भारत के 27 राज्यों में बेहतरीन एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है प्रदर्शन
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 24 देशों है फ्लाइंग किक मार्शल आर्ट की महत्त्वपूर्ण भूमिका
- 8 राष्ट्रीय फ्लाइंग किक खेल प्रतियोगिताओं का हो चुका आयोजन
- 2 राज्यों की ओलिंपिक संघ ने दिया फ्लाइंग किक खेल को मान्यता
महाभारत प्रमुख पवित्र काव्य ग्रंथ के आदि पर्व के 4 अध्याय में युद्ध, जिसे हम मार्शल आर्ट कहते है
इस खेल की उत्पत्ति पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में नॉर्थ ईस्ट के आदिवासियों समुदाय से हुई । यह करीब 200 साल से अधिक पुरानी भारतीय मार्शल आर्ट खेल है । यह एक अर्ध-लड़ाकू, किक (पैरों) के माध्यम से खेल जाने वाला मार्शल आर्ट खेल है इस स्वदेशी खेल का इस्तेमाल अधिकांश आत्मरक्षा कला पर आधारित है
किसी भी देश की सर्वांगीण विकास की व्यवस्था को बनाने के लिए वहां के नागरिको, युवाओ का समृद्ध शिक्षित और जागरुक होने के साथ ही साथ स्वस्थ, तंदरुस्त होना भी आवश्यक है साथ ही साथ देश की आधी आबादी कहीं जाने वाली महिला शक्ति को समृद्ध एवं महिला शक्ति को सुरक्षित बनाने के लिए भी बालिकाओं में आत्म सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए यह फ्लाइंग किक खेल के आत्म रक्षा प्रशिक्षण समय-समय पर बहुत ही उपयोगी और आवश्यक है पैराग्राफ पैरा उपरोक्त विचार स्वदेशी फ्लाइंग किक "मार्शल आर्ट" खेल महासंघ इंडिया के राष्ट्रीय वरिष्ट उपाध्, ने व्यक्त किये स्वदेशी खेल को बढ़वा देना और इस खेल की खास बात यह है की सभी खेल के नियम भारतीय भाषा "संस्कृत" में लिखे गए है और 27 राज्यों में इस खेल को खेला जाता है राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में भी सम्मिलित खेल है
एसोसिएशन के राष्ट्रीय वरिष्ट उपाध्क्षय श्री प्रदीप वत्स ने कहा कि समाज एवं सरकार मिलकर यदि इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे तो निश्चित ही हमारे देश में स्वस्थ जागरूक एवं समृद्ध नागरिकों की कमी नहीं रहेगी जिनमें महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित है और उन्हें सुरक्षा और शिक्षा के लिए अपेक्षित नहीं रहना पड़ेगा, ध्रुव इलाकों में यदि कोई युवती अपने घर से निकलती है तो घर के ही 5 वर्ष के बालक को इसलिए साथ ले जाती है कि वह उसकी सुरक्षा करेगा यह अपने आप में बहुत बेमानी वाली बात लगती है। इसलिए आज के समय में बालिकाओं को भी आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्राथमिक स्तर से ही मिलना चाहिए जिससे मैं समाज में स्वतंत्र रूप से अपनी स्थिति को पहचान सकें और उनके अंदर छिपी प्रतिभाओं का सम्मान समाज के अंदर हो और वह अपने को पुरुष के समानांतर खड़े होकर कार्य कर सकें जिससे हमारा समाज पूरी तरह से समृद्ध हो जाएगा इसमें भारत सरकार के खेल मंत्रालय को भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि यदि इस प्रकार के प्रशिक्षण को प्राथमिक स्तर से ग्रामीण इलाकों में ही स्कूल स्तर से शुरू करा दिया जाए तो शिक्षा के साथ-साथ आत्मरक्षा और सुरक्षा का भी विषय अपने आप हो जाएगा और इस विषय में एसोसिएशन भी अपना सकारात्मक एवं रचनात्मक सहयोग करने के लिए सरकार द्वारा समय पर दिए गए मार्गदर्शन को करने में अपना पूरा योगदान करने के लिए तैयार है एसोसिएशन का लक्ष्य है उसको पूरा करने के लिए सभी पदाधिकारी अपने कर्तव्य का ईमानदारी और निष्ठा के साथ का पालन करें तभी हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए 2013 से इस एसोसिएशन का गठन किया गया है !
ये है फ्लाइंग किक खेल संघ का उद्देश्य :-
- भारत और विश्व भर में फ्लाइंग किक का स्वदेशी खेल विकसित करना ।
- फ्लाइंग किक स्पोर्ट्स "मार्शल आर्ट मूवमेंट" के माध्यम से विश्व स्तर पर भारत की संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना ।
- ग्रामीण और शहरी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए रोजगार के वैकल्पिक तरीकों की पहचान और व्यवस्था करने का प्रयास करना ।
- एक गैर-लाभकारी, गैर-राजनीतिक, गैर-धार्मिक और गैर-सांप्रदायिक संगठन बनना ।
- आत्मरक्षा और मार्शल आर्ट आंदोलन के लिए देशों को एकजुट करने के लिए विश्व स्तर पर प्रयास करना ।
- सभी राज्यों में सदस्यता प्रदान करना और ग्राम एवं जिला स्तर पर क्लबों की सदस्यता प्रदान करना और ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को बढ़ावा देना ।
- आदर्श खेल नीतियां स्थापित करना जिन्हें खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सरकारों और अन्य संगठनों द्वारा अपनाया जा सके ।
- खेल मैदानों, कार्यशालाओं और तकनीकी सेमिनारों का विकास करना, संगठन के माध्यम से ग्राम स्तर पर प्रमुख प्रतियोगिताओं का संचालन और समर्थन करना ।
- राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र, नकद पुरस्कार, छात्रवृत्ति, मान्यता एवं सम्मान प्रदान करना ।
- खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करना और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना ।
- शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में मार्शल आर्ट खेल के साथ भारत को चैंपियन राष्ट्र के रूप में खड़ा करना। भारत को जीत की आदत बनाने में मदद करना, खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और खेलों की विस्तृत श्रृंखला में सफलता को बढ़ावा देना और उसका जश्न मनाना ।
- आत्मरक्षा खेलों की पहचान, समन्वय और उपयोग में सुधार करना ।
- मार्शल आर्ट खेल में प्रशिक्षकों की पहचान करना ।
- हर स्तर पर मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में खिलाड़ी को खेल प्रतिभा का अवसर प्रदान करना ।
- जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग की व्यवस्था करना ।
- अंतर्राष्ट्रीय मंच तक ले जाने वाले विभिन्न स्तरों पर खिलाड़ियों का निर्माण करना ।
- खिलाड़ियों और खेल कार्यकर्ताओं को सभी प्रकार के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से बचाना ।
- आत्मरक्षा कला, संस्कृति और शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देना ।
- सभी के लिए मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा संरक्षण को बढ़ावा देना ।
- लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए संगठनात्मक संरचना और सभी स्तरों पर महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना ।
- किसी भी प्रकार के मार्शल आर्ट आंदोलन भेदभाव का मुकाबला करना ।
- डोपिंग और प्रतिस्पर्धी हेरफेर और भ्रष्टाचार के अन्य रूपों का मुकाबला करके खेलों की अखंडता को बनाए रखना ।